लेखनी कहानी -07-Apr-2022 पैरोडी : जे हम तुम चोरी से
पैरोडी :
तर्ज : जे हम तुम चोरी से बंधे इक डोरी से
प्रेमी और प्रेमिका प्रेमालाप कर रहे हैं ।
प्रेमिका :
फरेबी साजन से मेरे मनभावन से नैना हो गए चार
दिल धक धक करता है यार
फरेबी साजन से मेरे मनभावन से नैना हो गए चार
प्रेमी :
बड़ी हरजाई है क्यों आंख मिलाई है
अब क्या पछताना यार
दोनों : फरेबी साजन से बड़े मनभावन से नैना हो गए चार
अंतरा 1 :
प्रेमी :
कैसे लड़ गए नैना, ओ गोरी ये बतला दे
काहे खोये चैना , मुझको तो ये समझा दे
सोच समझ
अरे सोच समझ के गोरी तुझको तो करना था प्यार
प्रेमिका : फरेबी साजन से मेरे मनभावन से नैना हो गए चार
अंतरा 2 :
प्रेमिका :
चोरी से सपनों में आया और मेरे मन को भाया
मीठी मीठी बातों से मुझे उसने अपना बनाया
उसके बिना
उसके बिना दिल ना लगे मैं करती हूं इकरार
प्रेमी : बड़ी हरजाई है क्यों आंख मिलाई है
अब क्या पछताना यार
प्रेमिका : फरेबी साजन से मेरे मनभावन से हो गए नैना चार
दोनों : फरेबी साजन से बड़े मनभावन से हो गए नैना चार
हरि शंकर गोयल "हरि"
7.4.2022
Gunjan Kamal
07-Apr-2022 11:32 PM
बहुत ही सुन्दर प्रस्तुति 👌👌
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Hari Shanker Goyal "Hari"
08-Apr-2022 01:09 AM
💐💐🙏🙏
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